Hindi Short Story - विश्वसनीय मौत - अविश्वसनीय सफर ll एक एहसास

अपने काम और अपने ऑफिस से 1000 किलोमीटर दूर आज अपने घर पर था इसलिए देर तक सोया था, तभी एक ज़िंदगी ने मुझे आवाज़ लगाई...
आमतौर पर घर पर होने पर मैं एक आवाज़ में कभी जगता नहीं हूँl
पहले मै अपने बारे में बता दू मेरा नाम बंटी सूर्यराज है और मैं काम के सिलसिले में दिल्ली में रहता हु, लेकिन आज मै अपने
गृहनगर आरा बिहार में आया हु इसलिए देर तक सोया था.
जैसे ही मैंने ज़िन्दगी की आवाज़ सुनी पता नहीं क्यों लेकिन एक बार में ही आज मेरी नींद खुल गई और मै ज़िंदगी से मिलने के लिए उसके पास पंहुचा, आज उस से बहुत सारी बाते होने लगी जो काफी वक़्त से इतनी बाते कभी नहीं होती थी l मै ज़िन्दगी से बात करते करते ये सोचने लगा वक़्त भी क्या चीज़ है, आज ज़िन्दगी की आवाज़ में इतनी नरमी जो कभी इतनी कठोर हुआ क
रती थी की एक आवाज़ सुन कर हम सभी भाग खड़े होते थे और उस वक़्त हमे बहुत गुस्सा आता था लेकिन सच बताऊ तो आज वही कठोर आवाज़ सुनने को बहुत दिल कर रहा था l क्यूंकि ये नरमी वाली आवाज़ उस ज़िंदगी की व्यक्तित्व को जच नहीं रही थी लेकिन सायद ये उम्र का पड़ाव था l
बहुत सारी बाते की फिर में भी सभी की तरह अपने काम में व्यस्त हो गया l अगले दिन दिल्ली वापस आना था इसलिए कुछ दोस्तों से मिलने चला गया l शाम को जब वापस घर आया तो कुछ आवाज़ आई जिसे सुनकर मैं भागा, पता चला ज़िन्दगी की अचानक तबियत ख़राब हो गई जिसे मै सुबह इतने अच्छा से मिला और ढेर सारी बाते भी की थी l कोई डॉक्टर को बुलाने गया तो कोई प्रार्थना करने l ज़िन्दगी के सामने मैं अकेला खड़ा था, समझ नहीं आ रहा था मैं क्या करू l कभी ज़िंदगी के पांव को और हाथ को सहलाता और कभी माता रानी से प्रार्थना करता l लेकिन पता नहीं क्यों अंदर से एक डर सा होने लगा, जो पास है, लेकिन दूर सा लगने लगा l घबराया था मै बहुत,समझ नहीं पा रहा था क्या हो रहा l है साथ मेरे लेकिन दूर जा रहा है l तभी सांसे थमने सा लगा और ज़िन्दगी मौत सा लगने लगा l खुशियां अब गम में बदल चूका था क्यूंकि ज़िन्दगी अब मौत बन चूका था l बड़ा अजीब सा था वो पल…
खुद को और सबको सभाला क्यूंकि ये सफर निश्चित थी l
जब तक थी ज़िन्दगी वो पास हुआ करती थी लेकिन जब से बनी मौत लोग जल्द से जल्द उसे दूर करने लगे....
अंत समय का क्या अजीब सा नज़ारा देखा ...
जब हुआ करती थी ज़िन्दगी एक ऊँगली जलने पर हज़ारो लोग मरहम लगाने दौडते थे, आज उन्ही लोगो को लाठी से खोद खोद जलाते देखा....
I was at home today 1 000 kilometers away from my work and my office so I slept late, then only one life called me... Usually being home I never wake up to one voice. First let me tell about myself my name is Bunty Suryaraj and I live in Delhi during work, but today I am mine I have come to my hometown Aara Bihar, so I slept late. As soon as I heard the voice of life, I don't know why, but at once I opened my sleep and I reached to meet life, today I started talking to her a lot, who never talked so much for a long time. While talking to life, I started thinking what time is, today life's voice is so soft that it has become so hard. We all used to run away when we heard a voice and at that time we used to get very angry, but to tell the truth, today I wanted to hear the same harsh voice. Because this soft voice does not suit the personality of that life. It was but maybe it was age milestone. After a lot of talks, I also got busy in mywork like everyone else. I had to return toDelhi the next day, so I went to meet some friends. When I came back home in the evening, there was some voice, hearing which I ran away, I came to know about life. Suddenly I got sick, whom I met so well in the morning and had a lot of talks. Some went to call the doctor and some to pray. I was standing alone in front of life, I was not able to understand what to do. Ever of life Went to the feet and hand and sometimes prayed to the mother goddess. But I don't know why there was a fear inside, which is near, but it seems far away. I was very scared, I couldn't understand what was happening. He is with me but he is going away. That's why the breath started to stop and life started to feel like death. Happiness had now turned into sorrow because life had now become death. That moment was very strange... Took care of myself and everyone because this journey was certain. As long as there was life, she used to be near, but since death has been made, people started to remove her as soon as possible.... What a strange sight of end time... When life used to be, thousands of people used to run to apply ointment on burning one finger, today I saw those people digging with sticks and burning them..














#HindiStory #SadStory #Poetry #HIndiPoetry #Story #StoryInHindi #BuntySuryaraj

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

Hindi Short Devotional Whats App Status -"पत्थर को पत्थर ही रहने दो, भगवान न बनाओ…. "

रिश्ते - Relationship ❤️ मरहम प्यार का ( किताब का कुछ हिस्सा )

कौन कहता है तू नहीं कर सकता, कौन कहता है मै नहीं कर सकता...